तो दोस्त हमने पिछले पोस्ट में जो मिलकर पढाई की..उसका अनुभव बहुत ही अच्छा रहा और मै उसके आगे की पढाई के लिए बहुत ही उत्सुक था..और फिर से आपके साथ पढाई करना चाहता था इसलिए मेने जल्दी से जल्दी मेने कई अच्छी से अच्छी किताबों और पुराने नोट्स के स्टडी मटेरियल को मिलाकर
 फिरसे कुछ काफी इंट्रेस्टिंग सा डाटा तैयार किया किया है और अब उसको हम साथ में पढ़ते हैं जिससे की मेरा और आपका दोनों का बेसिक्स क्लियर होगा....                                 

 तो दोस्त मेरा नाम है देवेन्द्र. और आज मै फिर हाजिर हूँ एक और बेसिक्स के अच्छे स्टडी मटेरियल के साथ. और दोस्त आज की क्लास पिछली   क्लास के आगे का पार्ट है इसलिए एक बार यहाँ क्लिक करके पिछला पार्ट जरुर पढ़ले जिसमें हमने बायोलॉजी(जीव विज्ञानं) के इंट्रोडक्शन सहित उसुकी खोज और सबसे महत्वपूर्ण 
कोशिका के बारे में पढ़ा (पिछला पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करें )आज की क्लास में हम पहले कुछ कोशिका को ही जानेंगे फिर कुछ आगे के नए टॉपिक्स पर अध्यन करेंगे और बाकी के बचे हुए टॉपिक्स को हम आगे के पोस्ट्स में भी कवर करते रहेंगे, हमारे इन पोस्टों का उद्देश्य सिर्फ हमारे उन बेसिक्स को क्लियर करने का है जिन्हें हम जूनियर क्लास में पढ़कर भूल चुके हैं और अगर आप जूनियर 
क्लास में ही हैं तो भी ये आपके लिए ही है क्योंकि ये बेसिक्स हैं हर स्टूडेंट के काम आते हैं|
   
 तो चलिए शुरू करते हैं आज की पढाई..

कोशिका विभाजन की परिभाषा (Defination of Cell division)...

"कोशिका विभाजन वह प्रक्रिया है जिसमें एक कोशिका अपने आप को विभाजित करके एक और नयी कोशिका का निर्माण करती है" 
   जो कोशिका अपने आप को विभाजित करती है उसे मात्र कोशिका (mother cell) कहते हैं, तथा जो नयी कोशिका बनती है उसे पुत्री कोशिका (daughter cell) कहते हैं 


 सीधी बात जब कोई भी कोशिका खुदको दो भागों मे बांटती है तो एक भाग तो वह खुद  होती है और बाकी जो दूसरा भाग होता है वह नया बनता है, तो जिस कोशिका ने दूसरी नयी कोशिका को जनम दिया हो वह कोशिका(पहला भाग) मात्र कोशिका (Mother Cell) कहलाती है
 और जिस कोशिका को जनम देती है यानी की  दूसरा भाग पुत्री कोशिका यानी की डॉटर सेल कहलाती है  और यह पूरी प्रक्रिया यानी की प्रोसेस को कोशिका विभाजन (Cell Division)कहते हैं

कोशिका विभाजन के लिए किसी भी बाहरी बल या जनन की आवश्यकता नहीं होती है यह अपने आप ही विभाजित होती रहती है 

कोशिका विभाजन 2 प्रकार का होता है                        
{1} समसूत्री विभाजन (Mitosis) 
{2 }अर्धसूत्री विभाजन (meosis)

जैसा की आप जानते ही होंगे की कोशिका में कई प्रकार के गुड्सूत्रों की संख्या मौजूद रहती है और जब कोशिका विभाजन होता है तो जब माँ कोशिका यानि की मात्र कोशिका के कुछ गुड सूत्र पुत्री कोशिका में चले जाएँ और दोनों में लगभग सामान गुड्सूत्रों की संख्या हो जाये तो उस प्रकार के विभाजन को समसूत्री कोशिका  विभाजन (Mitosis) कहते हैं और अगर 
 विभाजन के दौरान विभाजन के दौरान मात्र कोशिका के यानी की मदर सेल के आधे से ज्यादा गुडसूत्र पुत्री कोशिका (Daughter Cell) में चले जाएँ और मात्र कोशिका में गुड्सूत्रों की संख्या लगभग न के बराबर बचे तो उस विभाजन को अर्धसूत्री कोशिका विभाजन(meosis कहते है 

समसूत्री विभाजन हमेसा उस कोशिका में होता है जिसमें औटोसोम(Autosome) गुडसूत्र पाए जाते हैं और जिन कोशिकाओं में एलोसोम(Allosome)गुडसूत्र पाए जाते है उनमे अर्ध सूत्री कोशिका विभाजन(Mitosis) होता हैं 

कायिक कोशिका 

       "एसी कोशिका जिसमें औटोसोम गुड्सूत्र पाए जाते हो तथा समसूत्री विभाजन हो उसको कायिक कोशिका कहते हैं"
             

प्रजनन कोशिका 

   "ऐसी कोशिका जिसके अन्दर एलोसोम प्रकार के गुडसूत्र पाए जातें हों और उनमे अर्धसूत्री विभाजन(Measis) होता हो प्रजनन कोशिका कहलाती है"

सीधी बात बस इतना याद रखलो की औटोसोम गुडसूत्र में समसूत्री विभाजन होता है और एलोसोम गुडसूत्र (Allosome) में अर्धसूत्री विभाजन होता है, बस इसी से मिलकर बना है पूरा कोशिका विभाजन |

तो अब हमारा कोशिका विभाजन(cell division) का टॉपिक ख़तम होता है.. उम्मीद करते हैं आपको समझ आया होगा आप एक बार फिरसे पूरा पढ़ सकते हो 

तो दोस्त जेसा की हम पहले ही पढ़ चुके हैं की मनुष्य जीव जंतु (Animals) और पौधे सब कोशिका(Cell) के ही बने होते हैं क्योंकि मनुष्य(Humans) भी इस प्रथ्वी(Earth) के जीव जन्तुओ में ही आता है इसलिए  प्रथ्वी के सभी जीव जन्तुओ की कोशिकाओं और पौधों की कोशिकाओं को अलग अलग श्रेणी में रखा गया है....
{1} जंतु कोशिका (Animal Cell) 
{2} पादप कोशिका ( Plant cell)

ये कोशिकाओं के दो प्रकार हैं  जंतु कोशिका(Animal Cell) और पादप कोशिका(Plant Cell) तो जेसा की नाम से ही मालुम पढ़ रहा है की जंतु कोशिका यानी की यह कोशिका जंतुओं(Animals) में पायी जाती है और पादप कोशिका यानी की इस प्रकार की कोशिकाएं पौधों(Plants) में पायी जाती हैं
  तो यह तो था हमारे समझने के लिए परन्तु इनमे आपस में अलग अलग विशेषताएं यानी की इनकी प्रॉपर्टीज अलग अलग ही होतीं हैं 
तो चलो हम इनको अलग अलग करके पढ़ लेते हैं...

अगर आप जूनियर क्लास  के स्टूडेंट हैं तो आपसे इस तरह से प्रश्न पूंछा जाएगा की जंतु एवं पादप कोशिकाएं में अंतर बताएं या विशेषताएँ  बताएं और अगर आप किसी डिग्री के लिए पढ़ रहें हैं तो आपसे पूरा टॉपिक ही एक ही प्रश्न में पूछ लिया जाता है
 और अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं(Comptetive Exams)की तैयारी कर रहें हैं तो आपको इस पूरी थ्योरी को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए क्योंकि प्रश्न किसी विशेषता को  लेकर बन जाता है.....

तो चलिए पहले हम पादप कोशिका के बारे में पढ़ लेते हैं और फिर अगली हैडिंग हमारी जंतु कोशिका(Plant Cell) होगी....

पादप कोशिका(Plant Cell)-

[1]पादप कोशिकाओं का आकार  जंतु कोशिकाओं(Animal cell) की अपेक्षा बड़ा होता है और क्योंकि इनका आकर बड़ा होता है इसलिए इन कोशिकाओं में पाया जाने वाला केन्द्रक(Nucleus) का आकर भी बड़ा होता है|  (क्योंकि इनकी बॉडी बड़ी होती है इसलिए इनके अंग या ओर्गंस भी बड़े होते हैं)
[2] इन कोशिकाओं में कोशिका भित्ति पायी जाती है, कोशिका भित्ति(Cellulose) कोशिका के बाहरी आवरण को कहते हैं |                                                                        
[3] पादप कोशिकाओं में लवक पाए जाते हैं, इन कोशिकाओं में कभी कभी दो लाइसोसोम भी पाए जाते हैं |
[4] पादप कोशिकाओं में खाना  स्टार्च(Starch) के रूप में जमा या संचित(store)होता जाता है, और ये स्टार्च पादप कोशिकाओं के जड़ों में पाए जाते हैं |
[6] पादप कोशिकाएं (Plant Cell) यानी की पौधों की कोशिकाएं और जेसा की हम जानते ही हैं की पौधे प्रकाश संश्लेषड(PhotoSynthesis) की प्रक्रिया(Process) करते हैं वैसे ही इनमे पायी जाने वाली कोशिकाएं भी प्रस्काश शंश्लेशन की प्रक्रिया में भाग लेती हैं |
[7] पादप कोशिकाओं का सबसे कठोर भाग सल्युलोज(Cellulose) होता है |

अभी ये पादप कोशिकाओं के कुछ इम्पोर्टेन्ट प्रॉपर्टीज यानि की विशेषताएँ(Properties) पढने के बाद आती है बारी जंतु कोशिकाओ  की तो चलो इनको भी पढ़ लेते हैं...

जंतु कोशिका(Animal Cell)-

[1] जंतु कोशिका का आकार यानि की साइज़ पादप कोशिका की अपेक्षा छोटा ही होता है, क्योंकि इसका आकार छोटा है इसलिए इसके ओर्गंस(Organs) और केन्द्रक(Nucleus) भी छोटे होते हैं |
[2] इन कोशिकाओं में कोशिका भित्ति नहीं पायी जाती है 
[3] जंतु कोशिकाओं में हमेसा दो लाइसोसोम(laisosome) ही पाए जाते हैं 
[4] जंतु कोशिका में भोजन ग्लाईकोजन के रूप में संचित(Store) होता है, और ग्लाईकोजन(Glycozen) यकृत में जाकर कलेक्ट हो जाता है |                                                                     
[5] क्योंकि जंतु(Animals) प्रकाश संश्लेषण(Photosynthesis) की प्रक्रिया(Process) में भाग नहीं लेते हैं इसलिए इनकी कोशिकाएं भी प्रकश संश्लेषण(PhotoSynthesis) नहीं कर पातीं हैं |
[6] जंतु कोशिका का सबसे कठोर भाग जंतुओं के दाँतों में पाया जाने वाला इनेमल(Enamel) होता है 

तो दोस्त हमारा पादप एवं जंतु कोशिका में अंतर हुआ है ख़तम ..जंतु कोशिका के सारे पॉइंट्स आपसे भी रिलेट(Relate) करते हैं इसलिए आप इसे ज्यादा अछे से समझ पाए होंगे

 अभी तो हमने पढाई की जंतु एवं पादप कोशिका के बारे में अभी हम क्लास ख़तम करने से पहले देख लेते हैं की ये सिर्फ एक कोशिका(Cell) को कितने भागों में बांटा जाता हैं 


                 कोशिका को दो भागों में बांटा जाता है 

{1} प्रोकेरियोटिक कोशिका(Prokeryotik Cell)
{2} युकेरियोटिक कोशिका (Eukeryotik Cell)
 
              प्रोकेरियोटिक प्रकार की कोशिकाओं में केन्द्रक ही उपस्थित नहीं होता है | और युकेरियोटिक प्रकार की कोशिकाओं में केन्द्रक उपस्थित होता है | तो दोस्त इससे हमें ये मालूम होता है की पादप और जंतु दोनों प्रकार की कोशिकाएं  युकेरियोटिक कोशिका के अंतर्गत ही आतीं हैं |


तो दोस्त उम्मीद करते हैं की आपको आज की हमारी ये पढ़ाई जरुर पसंद आई होगी इसे ही आगे भी हम ग्रुप स्टडी जारी रखेंगे..आप इसमें अपने क्लासमेट और दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं जिससे की हम और ज्यादा अछे से पढाई करेंगे और अपने सारे बेसिक्स क्लियर करते चलेंगे |  
आगे हम डीएनए (DNA) आरएनए(RNA) यानी की गुडसूत्र(Chromosomes) और अन्य टॉपिक्स क्लियर करते हुए जल्दी से जल्दी अपनी बायो ख़तम करेंगे बस आप इस ग्रुप स्टडी में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयाश करते रहें |
             




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