मै हूँ आपका दोस्त देवेन्द्र और Strodisk Study पर हम आज पढने वाले हैं भारत की अर्थव्यवस्था(About Indian Economy) के बारे में इस क्लास में हम जानेंगे की, हम जानने का प्रयास करेंगे की भारत की अर्थव्यवस्था की विशेषताएं क्या हैं ? , विकासशील अर्थव्यवस्था क्या होती है? आदि के बारे में |
भारतीय अर्थव्यवस्था का परिचय [Introduction to Indian Economy]
हमारे देश भारत की अर्थव्यस्था पूरी दुनिया(whole world) की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था(5th biggest economy) है, यानि कि कुल 195 देशों में अर्थव्यवस्था के मामले में हमारा देश 5 वे स्थान पर रैंक करता है जो की बहुत ही गर्व की बात है , और उम्मीदें यहीं हैं कि हमने हमारी सरकार(government) की मदद की तो जल्द ही हम और भी आगे बड़ सकते हैं |
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष(International Monetary Fund), जो की एक बैंक और देशों को ऋण प्रदान (loan provide) करता है और देशों की अर्थव्यवस्था की समीक्षा(review) भी करता रहता है उसकी मानें तो हमारे देश भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ीं अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से उभरती(progressing) या विकशित होती हुई अर्थव्यस्था(developing economy) है , यानि की इनके कहने का मतलब यही है भारत की विकास दर बहुत तेजी से आगे बड रही है बाकी के बड़े देशों की तुलना(Comparison) में , यहाँ हमारी तुलना उन देशों से कर रहे हैं जिनकी अर्थव्यवस्था पहले से ही हमसे आगे हैं | IMF(international monetary fund) का इस तरह से कहना कोई छोटी बात तो नहीं है |
कृषक अर्थव्यवस्था [Agricultural economy]
स्वतंत्रता प्राप्त किये हमें करीब 70 साल हो गए हैं मगर आज भी हमारे यहाँ के आधे से ज्यादा लोग अपनी जीविका (Livelihood) चलाने के लिए सिर्फ कृषि पर निर्भर हैं(Depend on agriculture) , अगर आंकड़ों(stats) में बात करें तो इसकी प्रतिशतता(percentage) करीब 52% है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था यानी की GDP(Gross Domestic Product) में इनका योगदान सिर्फ 17% ही है |
यही वजह है जो हम 5 वें स्थान पर रैंक करते हैं , अगर हमारे देश में कृषि यानि कि खेती की हालत (Farming condition) को सुधारा जाए , या किसानों की सहायता की जाए उन्हें सरकार से नियमित भत्ता(regular allowance) एवं उन्ह्वे अच्छी से अच्छी खेती करने के लिए प्रेरित(motivate) किया जाए तो हमारी खेती की हालत(condition of agriculture ) कुछ सुधर सकती है जिससे की हमारे GDP में कृषि से आने वाला योगदान(contribution) बढेगा क्योंकि हमारी अर्थव्यस्था अधिकतर GDP पर ही निर्भर करती है इसलिए हमारी अर्थव्यस्था का भी विकास (development) होगा और हम अर्थव्यस्था के मामले में और भी आगे बड़ जायेंगे | अर्थव्यस्था मजबूत(strong economy) होने से हमारी सरकार हमारे देश में अधिक से अधिक विकास कार्य(developement works) कर पायेगी |
हालंकि देखा जाए तो पहले की अपेक्षा (compare) सरकार द्वारा अब कृषकों यानि की किसानों के लिए कई योजनायें(schemes) बनायीं जा रहीं है और किसानों को की खेती करने की तकनीक(techniques) को भी विकसित(develope) किया जा रहा है बस ध्यान देने वाली बात ये है की हमने ये देखना होगा की क्या उन योजनाओं का लाभ(Benefits of schemes) उन किसान भाइयों तक पहुँच पा रहा है जिनको इनकी सबसे ज्यादा जरुरत है ? क्या हमारी कृषि व्यवस्था(Agricultural system) को सरकार की इन योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है |
मिश्रित अर्थव्यवस्था [Mixed economy]
जैसा नाम से ही समझ आ रहा है मिश्रित यानि कि दो या दो से अधिक क्षेत्रों(Two or more sectors) का मिला होना, भारत सरकार द्वारा जब सार्वजानिक क्षेत्र(Public Sector) और निजी क्षेत्र(private sector) को मिला दिया जाता है तो उस संयोजन(Combination) से बनी अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था(Mixed Economy) कहलाती है |
हमारे यहाँ पर ज्यादातर सेक्टर यानि की वे सेवायें(services) जिनको सरकार सालों से चलाती आई है उनको अब प्राइवेट यानि की निजी कम्पनियों के हाथों में देने का चलन चल पड़ा है, पिछले कुछ सालों में ज्यादातर सेवाओं को निजी हाथों(private hand) में दिया जा चुका है जिनमें LIC और एयर इंडिया प्रमुख हैं |
ऐसी सेवाओं के निजी हाथों में जाने से सरकार को एक बड़ा अमाउंट टैक्स के रूप में मिलने लगता है मगर जब ये सेवायें प्राइवेट कम्पनियों के हाथों में चलीं जातीं हैं तो जनता से पहले की अपेक्षा(comparison) कहीं ज्यादा सेवा शुल्क(service fees) यानि की सेवायें देने का मूल्य या ज्यादा पैसा बसूलने लगतीं हैं | सीधी भाषा में बोलूं तो वे सेवायें पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा महंगी हो जाती हैं |
मगर इससे सरकार और GDP को काफी फायदा होने लगता है क्योंकि जनता से ज्यादा पैसा प्राइवेट कंपनी होते हुए सरकार तक पहुँचता है |
इस तरह एक मिश्रित अर्थव्यवस्था एक देश में उसके सरकार द्वारा लागू(Apply) की जाती है |
विकासशील अर्थव्यवस्था [Developing economy]
तो अभी हम बात करने वाले हैं विकासशील अर्थयवस्था के बारे में , विकासशील अर्थव्यवस्था जिस श्रेणी अभी हमारे देश की अर्थव्यवस्था आती है |
तो इसको हमें थोडा पर्सनली लेना पड़ेगा :) तो चलिए समझते हैं की वे कौन से कारण(reasons) या तथ्य(facts) होते हैं जिनसे हमें ये मालूम होता है की हमारी अर्थव्यवस्था विकासशील अर्थव्यवस्था की श्रेणी(category) में है |
भारत की राष्ट्रीय आय(national income) अंतराष्ट्रीय स्तर(international level) पर बहुत कम(very little) है भारत की टोटल सालाना आय और देशों जो की हमसे अर्थव्यवस्था में पीछे भी हैं, उनसे भी कम है | इसकी सबसे बड़ी वजह सही तरीके से करों(taxes) का सरकार तक न पहुचना है , और इसके लिए हम ही जिम्मेदार(responsible) हैं क्योंकि हमारे यहाँ पर ज्यादातर लोग टैक्स भरने से बचते हैं वो ऐसा सोचते हैं की उनके द्वारा कमाए हुए पैसों में से कुछ हिस्से को वो सरकार को क्यों दें मगर उन्हें ये भी सोचना चाहिए की उनके पैसे कमाने के जरिये में कहीं न कहीं से सरकार का योगदान जरुर है और हमें ये भी जानना चाहिए की सरकार द्वारा हमें कई सेवायें बिलकुल फ्री में दीं जातीं हैं |जिनमे से सड़क(road) सबसे प्रमुख है |
सरकार हमारी सेवाओं के लिए लगातार सरकारी कोष(government funds) से खर्च(spent) करती रहती है अगर हम टैक्स नहीं भरेंगे(pay) तो उसकी आय(income) नहीं हो पाएगी | और यही कारण है की और देशों की तुलना में हमारी सालाना आय कम है |
हमारे देश में बेरोजगारी का स्तर(Unemployment level) भी काफी ऊंचा है , यानि की भारत में बेरोज़गारी एक बड़ी समश्या(issue) है | इसकी सबसे बड़ी वजह ये है की भारत की उत्पादन क्षमता(Production Capacity) काफी कम है यानि की भारत में वस्तुओं का उत्पादन(production) काफी कम होता है ज्यादातर सामान बाहर के देशों से ही मंगाया जाता है(import) |
भारत में उत्पादन न होने की वजह यहाँ फक्ट्रियाँ(factories) या मिलें नहीं लग पातीं हैं जिससे की याहां के लोगों को काम भी नहीं मिल पाता है |
बेरोजगारी की समस्या सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों(rural areas) यानि की गावों में ज्यादा है | किसी व्यक्ति को नौकरी पेशा(employe) वाला व्यक्ति तभी माना जाता है जब वो साल के 365 दिन में से कम से कम 273 दिन प्रति दिन 8 घंटे काम करता हो |
जैसा की हमने पहले ही पढ़ा की हमारे देश की राष्ट्रीय आय और देशों की तुलना में काफी कम है इसके साथ में बेरोजगारी का स्तर भी काफी ऊंचा है और जनसंख्या(population) अधिक और उत्पादन छमता कम | जनसंख्या अधिक होने के कारण भारत की उपभोग छमता(Consumption capacity) काफी ज्यादा है ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का उपभोग अधिक जनसख्या होने कारण किया जाता है , उत्पादन छमता कम होने के कारण उपभोग का सामान बाहर के देशों से मंगाना पड़ता है , क्योंकि बाहर से सामान मंहगा ही आता है इसलिए हमारे देश में महंगाई(inflation) बडती जाती है और सरकार के पास की जमा धनराशि(savings funds) भी लगातार कम होती जा रही है, इससे पूँजी का उत्पादन(Capital Production) भी लगातार कम होता जा रहा है|
भारत विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है , भारत में जनसंख्या ब्रद्धि दर(Population Brace Rate) भी काफी उच्च(high) है , हर साल भारत की जनसंख्या में करीब 1.7 करोड़ लोग जुड़ जाते हैं |
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1.21 बिलियन के ऊंचे स्तर पर थी , जो की विश्व की कुल जनसंख्या का 16.7% है जबकि भारत के पास विश्व के कुल क्षेत्रफल(Total area of the world) का सिर्फ 2.42% भाग ही है | जिस पर हमारे देश की 135 करोड़ जनसंख्या रहती है |
भारत की अर्थव्यवस्था की कुछ प्रमुख विशेषताएं [Some major features of India's economy]
{1} भारत की कुल राष्ट्रीय आय में, कृषि क्षेत्र(agricultural sector) जिसपर भारत की आधे से ज्यादा आबादी जीविका(living) के लिए निर्भर(depend) है उसका राष्ट्रीय आय में योगदान काफी कम करीब 17% ही है |
{2} कृषि और इससे सम्बंधित क्षेत्र(related sectors) भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र(Primary Area) है|
{3} भारतीय अर्थव्यवस्था के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों(secondry important sectors)में उधोग , निर्माण और विद्धुत(light) आदि क्षेत्र आ जाते हैं , इन सभी को मिलाकर राष्ट्रीय आय में इनका कुल योगदान करीब 28% (कुल राष्ट्रीय आय का) होता है |
{4} भारतीय अर्थव्यवस्था के तीसरे सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की बात करें तो उनमें व्यापार(businesses) , आवागमन (import export), संचार(telecom) और और सेवाओं(services) से सम्बंधित(related) आदि क्षेत्र(sectors) आ जाते हैं | इनका भारत देश की कुल राष्ट्रीय आय में योगदान करीब 58% तक का होता है |
जाते जाते हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता दें की किसी भी देश के आर्थिक विकास(economic growth) का सबसे अच्छा अनुमान उस देश की प्रति व्यक्ति आय(per capita income) से लागाया जाता है | अगर प्रति व्यक्ति आय अच्छी है तो इसका मतलब उस देश का आर्थिक विकास भी सही दिशा में चल रहा है |
तो दोस्त हमने आज की क्लास् में भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में अधिक से अधिक जानने का प्रयास किया इसमें भारत की अर्थव्यवस्था के आधार को समझने का प्रयास किया और हमने जाना की आखिर एक अर्थव्यवस्था एक सरकार द्वारा नियंत्रित(control) कैसे होती है |
उसकी आय कहाँ से होती है ? आदि के बारे में आगे की क्लासेस में हम इनसब चीज़ों को अलग अलग विस्तृत रूप (explanative form) से भी पढने वाले है इसलिए आप ये रेड कलर के वेल को प्रेस करके नोटीफ़िकेशन बको अलाऊ जरुर करें जिससे की मै आपको आगे की क्लास में बुला पाऊं |
हमने जो पढ़ा है उसके बारे में मन में कोई सवाल आ रहा हो तो कमेंट बॉक्स में जरुर पूंछे और किसी और का सवाल दिख रहा हो तो उसको जबाब भी देने की कोसिस जरुर करें |
और हाँ क्लास छोड़ने से पहले कमेंट सेक्शन में जाकर फीडबैक तो जरुर ही दें ,आप अपने दोस्तों के साथ ये क्लास शेयर करके उनको भी यहाँ जोड़ सकते हैं और उनके साथ में भी इन टॉपिक्स पर डिस्कस कर सकते हो |
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