सो मै हूँ आपका दोस्त देवेन्द्र और आज हम strodisk study पर पढने वाले हैं प्राचीन भारत का इतिहास, आज की क्लास में हम जानेंगे की प्राचीन भारत का इतिहास क्या है ? (what is history in hindi?) प्राचीन भारत के इतिहास में किन घटनाओं का अध्यन किया जाता है? (What events are studied in the history of ancient India in hindi?) सम्राट अशोक कौन थे ? (who was Alexender Ashoka?) चन्द्र गुप्त मौर्य कौन थे? (who was Chandra gupta maurya in hindi?) राजा हर्शर्धन कौन थे? (who was king Harshvardhan in hindi?) आदि..

तो चलिए शुरू करते हैं आज की पढ़ाई.... 

प्राचीन भारत के इतिहास का परिचय [Introduction to the history of ancient India]


हमें इतिहास(history) शब्द(word) का मतलब(means) तो समझ आता है मगर कई बार हम प्राचीन(ancient) शब्द का सही मतलब नहीं समझ पाते है इसलिए प्राचीन इतिहास(ancient history) का परिचय(introduction) पढने से पहले हमें सबसे पहले प्राचीनं शब्द का मतलब समझ लेना चाहिए जिससे की जब हम प्राचीन इतिहास को पढेंगे तो फिर उसे हम ज्यादा बेहतर तरीके से समझ पायेंगे 



तो दोस्त शब्द प्राचीन का मतलब होता है 'पुराने समय का' (ancient time)  और हम पढ़ रहे हैं प्राचीन भारत के इतिहास का परिचय यानि कि भारत के पुराने समय(old times) के इतिहास के बारे में, अब हमें समझना ये है की कितने पुराने समय पहले के बारे में हमें पढना(study) है?


तो दोस्त जबसे हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति(Origin of the earth) हुई है, तबसे लेकर सन 675  तक की समय अवधि को प्राचीन काल(ancient time) कहा जाता है |  अगर भारत के प्राचीन इतिहास की बात करें तो करीब 75000 साल पहले पृथ्वी पर एक दिमागदार या बुद्दिमान व्यक्ति की गतिविधि के सबूत मिले हैं(Activity of a brainy or intelligent person), तबसे ही भारत के प्राचीन इतिहास की शुरुआत मानी जाती है, अगर हम इसको मोटे तौर पर(Roughly) देखें तो भारत का प्राचीन इतिहास करीब 5000 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है |



सिंधुघाटी सभ्यता(Indus Valley Civilization) को भारतीय उपमहाद्वीप(Indian subcontinent) की पहली सभ्यता(first civilization) कहा जाता है | यह भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिम उत्तर दिशा(north west direction)) मे फैली हुई थी | इसकी समय अवधि(time period)  2500  से 1750 इशापूर्व(Esasante) तक मानी जाती है | अगर आज के समय में इसका क्षेत्र देखा जाए तो इसका अधिकतर क्षेत्र(max. area) भारत और पाकिस्तान में ही फैला हुआ है | सिन्धु घाटी के लोगों ने खेती करने की शुरुआत कर दी थी | इस सभ्यता के लोगों ने मिट्टी के बर्तनों(vassels) का उपयोग करना भी शुरू कर दिया था | अपने समय अवधि के अंत तक यानि कि 1750 ईशापूर्व तक के समय तक पहुँचते पहुँचते इन लोगों ने कपास की खेती करना भी शुरू कर दिया था और इनका समाज भी सम्रद्ध(developed) हो गया था | सिंधू घाटी के लोग शहर भी बसाने(urban cities) लगे थे और समाज के सम्रद्ध लोग ही शहर में जाकर बसते या रहने लगे थे | अगर सिन्धु घाटी सभ्यता के दो बड़े शहरों(famous cities) के नाम की बात करें तो वे मोहन जोदड़ो(mohenjo daro) और हड़प्पा(harappa) थे | 



तो दोस्त अभी हमने सिन्धु घाटी सभ्यता(Indus Valley Civilization) के बारे में कुछ जानने का प्रयास किया वैसे ये कोई विस्तृत अध्यन(explanation study) नहीं था, क्योंकि हम इस क्लास में सिर्फ भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में जानने वाले हैं इसलिए हमने अभी इसके कुछ महत्वपूर्ण तथ्य(important facts) ही पढ़े मगर इतना भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे एक्साम्स(exams) में अक्सर सवाल यहीं से पूंछे जाते हैं ,और फिर 



विस्तृत  क्लास(explanation class) भी तो हम बहुत जल्दी ही पढने वाले हैं, और हाँ इस क्लास में आगे जो भी हमें प्राचीन भारत(ancient india) के टॉपिक्स मिलने वाले हैं उन सब के बारे में हम इसी तरह से महत्वपूर्ण तथ्य ही जानेंगे जिससे की हम प्राचीन भारत के इतिहास को अछे से समझ पायें और उससे जुड़े हुए प्राचीन भारत की समय अवधि(time period) से जुडी सभी घटनाओं को अछे से समझ पायें, इस क्लास को पढने के बाद आप प्राचीन  भारत के बारे में लगभग सबकुछ जान चुके होंगे और आपको मालूम होगा की प्राचीन भारत में हम किन किन तथ्यों और घटनाओं(insidents) का अध्यन करते हैं |



 तो अभी आगे बड़ें तो... सिन्धु घाटी सभ्यता के समाप्त(end) होने के बाद मनुष्यों की एक नयी प्रजाति ने भारत में प्रवेश(enter) किया, जिन्हें आर्य कहा गया(called Arya), आर्य लोग(Aryas) केन्द्रीय एशिया(center asia) से भारत में आये थे, उन्होंने करीब 1500 ईशापूर्व के बाद अफगानिस्तान से होते हुए भारत में प्रवेश किया |
आर्य जब भारत आये तो पहले वे एक जगह  निवास(the residence) बनाकर नहीं रहते थे बल्कि वे अपने पशुओं(pet animals)) या जानवरों को चराते(To graze) हुए अलग अलग जगहों पर फिरते रहते थे , उन ने रहने का कोई ठिकाना नहीं बनाया था | मगर कुछ समय बाद फिर उन्होंने रहने के लिए घर बनाएं शुरू कर दिए और किसान(farmer) की जिन्दगी जीना शुरू कर दिया था |



फिर आर्यों का भी अधिक व्यवस्थित और बसा हुआ समाज(residental society) बना | आर्यों की अधिक जन जातियां(Ethnicities) होने की वजह से राज्य भी बनने लगे और इस तरह से भारत में पहली बार राज्यों(states) का निर्माण होना शुरू हो गया था |

और जैसा की आप जानते ही हो की जहां भी एक से अधिक राज्य होंगे वे एकदूसरे को जीतने की कोसिस जरुर करेंगे और इस तरह से भारत में एक राज्य दुसरे राज्य को जीतने के आपस में ही लिए लड़ने लगे |
लगभग एक ही समय की बात है जब ईरानियों(irani's) ने भारत के सबसे महत्वपुर्ण स्थान(important area) भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र(north west area) पर कब्जा कर लिया था और इसी समय सिकंदर महान ने भी फारसियों के साम्राज्य(empire) को नष्ट(destroy) कर दिया था और भारत के उत्तर पस्चिम(north west) में प्रवेश किया था |



इसके बाद अभी हम आते हैं 322 ईशापूर्व पर जब महान सम्राट चंद्रा गुप्त मौर्य जी भारत के उत्तर में स्थित मगध राज्य(Magadh empire) के सबसे शकिशाली राजा या सम्राट बने यह राज्य उस समय का सबसे सम्रद्ध राज्य(wealthy state) था | सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य के सबसे सक्षम(best) एवं बुद्धिमान सलाहकार(inteligent adviser) आचार्य कौटिल्य थे| इनकी सहायता से ही चन्द्र गुप्त मौर्य ने एक नया एवं उस समय का सबसे सम्रद्ध साम्राज्य(wealthy empire) बनाया जो की काफी धनी था एवं उसमें व्यापार की अच्छी संभावनाएं(good prospects) | सन 296 ईशापूर्व(Esasante) में चन्द्र गुप्त मौर्य ने अपना सिंघासन(empire) अपने बेटे बिन्दुसार को सौंप दिया जिसने मौर्य सामराज्य के इस सिंघासन को बखूबी संभाला |



गुप्त साम्राज्य(Mauryan Empire) का सबसे महान सम्राट(Great Emperor) राजा बिन्दुसार के पुत्र सम्राट अशोक(Emperor Ashoka) को कहा जाता है , ये मौर्य साम्राज्य(Mauryan Empire) के सबसे बड़े शाषक(ative) थे इन्होने करीब 269 ईशापूर्व से 232 ईशापूर्व तक शाषन(Brann) किया उसने | वो महान सम्राट अशोक ही थे जिन्होंने उस वक्त के सबसे शक्तिशाली राज्यों में से एक कलिंग राज्य(Kaling State) को जीता था|


कलिंग राज्य आज के समय में  ओडिशा(odisha) के नाम से जाना जाता है | कलिंग राज्य को जीतने के लिए किये गए युद्ध में लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई थी इसमें लोगों की जान का भारी नुकसान(Loss) हुआ था जिसको देखकर सम्राट अशोक को बहुत बुरा लगा और इस युद्ध के बाद से उन्होंने निश्चय(Decide) कर लिया की अब वह कभी भी युद्ध नहीं करेंगे(won't war anytime) , और उन्होंने अपने धर्म को छोड़ कर बौद्ध धर्म को अपना लिया(Accepted Buddhism), और मगध सहित अन्य जीते हुए राज्यों पर अपना शाशन जारी रखा | सम्राट अशोक की मृत्यु (Death) के बाद ही मौर्य साम्राज्य भी समाप्त(end) हो गया |
सम्राट अशोक की मृत्यु के बाद उसके कई भाइयों ने सिंघासन(empire) के लिए आपस में ही लड़ना प्रारंभ कर दिया, जिससे की साम्राज्य को आर्थिक और राजनीतिक समश्याओं(economical and political) से जूझना पडा, सन 185 इशापूर्व में सेनापति ने अंतिम मौर्य शाषक(last mauryan emperor) की हत्या(killed) कर दी जिससे की मौर्य वंश का शाषन(empire) ही समाप्त(the end) हो गया |



अंतिम मौर्य शाषक की हत्या करके सेनापति ने ही शाशन(empire) संभाल(handle) लिया और एक और नए वंश शुंग वंश(Sunga Dynasty) की स्थापना की | इस वंश को बाद में या 73 इशापूर्व में कंव राजवंश द्वारा प्रर्तिस्थापित(replace) किया गया था |

4 वीं सदी जो की ईशवी का प्रारंभिक दौर(starting period) था इस समय चन्द्रगुप्त द्वारा एक नया साम्राज्य(new empire) स्थापित(set up) किया, उनकी मृत्यु के बाद चन्द्र गुप्त के बेटे समुद्र गुप्त ने साम्राज्य को संभाला(handel) और पूरे उत्तर भारत सहित मध्य भारत के भी काफी बड़े बड़े हिस्सों में विजयें प्राप्त कीं(Get the whole north India including large parts of central India,) | समुद्र गुप्त ने सन 335 ईशवी से लेकर सन 375 इशवी तक भारत के कई महत्वपूर्ण राज्यों एवं क्षेत्रों(important states and areas) पर अपना शाशन किया| गुप्त साम्राज्य(Gupta empire) का सबसे सुनहरा समय(golden time period) सन 375 इशवी से लेकर  सन 415 इशवी तक का कहा जाता है |



 इस समय गुप्त साम्राज्य अपनी सबसे ऊंचाई(peak) पर था इस समय इसके शाषक(emperor) चन्द्र गुप्त द्वितीय(Chandra Gupta second) थे |

खैर(Well) यह समय भी समाप्त हो गया , गुप्त साम्राज्य 6 वी शताब्दी के शुरुआत में ही विखर(Diffuse) गया था|
भारतीय इतिहास के अगले चरण यानी की छठी शताब्दी का सबसे महान शाषक राजा हर्ष वर्धन था जिसने सन 606  से लेकर सन 647 तक भारत में शाशन किया था | हर्ष ने अपने शाशन की शुरुआत थानेषर के राज्य के शाषक के रूप में की थी , मगर फिर बाद में उसने उसने उत्तरी भारत(northen India) के में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, मगर हर्ष के द्वारा बनाया गया राज्य केवल हर्ष पर ही निर्भर(depend) था, राजा हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद जल्द ही उनका राज्य भी टूट गया | इसके साथ ही एक बार फिर भारत एक एसा देश बन गया जहां कई सारे राज्य एकदूसरे के राज्य छीनने के लिए आपस में ही लड़ते रहते थे | 



तो दोस्त आज की क्लास में हमने लगभग वे सारे टॉपिक्स के बारे में पढ़ा जिनको हम प्राचीन भारत के इतिहास में विस्तृत(explanative form ) रूप से पढने वाले हैं | 
आज की क्लास में हमने जाना की प्राचीन भारत के इतिहास में हमे पढना क्या होता है या कह सकते हैं की प्राचीन भारत के इतिहास का सिलेबस जानने का प्रयास किया..साथ में हमने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को पढ़ा भी ,आज जो हमने पढ़ा है एक्साम्स में अक्सर प्रश्न यहीं से पूंछे जाते हैं इसलिए आपको इस क्लास को एक बार फिरसे पढ़ लेना चाहिए इसे हम मास्टर क्लास भी कह सकते हैं क्योंकि इस छोटी सी क्लास में हमने पूरे प्राचीन भारत के इतिहास की समरी पढली है |



आप इस क्लास को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें ताकि वो भी आपके साथ इस क्लास में पढ़ सकें और आप उनके साथ इस टॉपिक पर डिस्कशन कर सको हमेसा याद रखना डिस्कशन से ही सबसे ज्यादा नॉलेज मिलती है |

अगर आप अपने किसी पढ़ी के टॉपिक पर क्लास पढना चाहते हो तो कमेंट में जरुर बताएं हम उसपर क्लास जरुर लायेंगे और आपके साथ हम भी उस टॉपिक को पढेंगे जिससे की हम दोनों का टॉपिक क्लियर हो जाएगा |
क्लास को पूरा पढने के बाद कमेंट सेक्शन में फीडबैक जरुर दें |


 हमने हमारी इतिहास पिछली क्लास(last class) में इतिहास के वर्गीकरण(classification of history) और इस पृथ्वी पर मनुष्यों के प्रारंभ से लेकर पाषाण के विभिन्न भागों का(classification of stone period) बेहतर तरीके(bet way) से अध्यन(study) किया था आप् इमेज पर क्लिक करके उस क्लास को भी पढ़ सकते हैं 

    

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