हेल्लो फ्रेंड .... और आज मै आज strodiskstudyinhindi पर आपके साथ पढने आया हूँ इतिहास का परिचय[Introduction of  history in hindi  |

तो दोस्त आज हम पढने वाले हैं, इतिहास का परिचय, इतिहास क्या है? , इतिहास का वर्गीकरण , इतिहास का पहला पाठ क्या है? , सबसे पहले हमें इतिहास में क्या पढ़ा चाहिए? , पाषाण युग क्या है? ,मध्य पाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं, नव पाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं, ताम्र पाषाण काल क्या है? पुरा पाषाण युग क्या है?, पाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं, भारतीय इतिहास का वर्गीकरण,  आदि के बारे में |


तो यार आप जानते ही होंगे कि इतिहास एक एसा सब्जेक्ट यानी की विषय है की जिसकी ना तो शुरुआत का मालूम पढता है और ना ही अंत का, एक बार पढना शुरू करो तो मालूम ही नहीं पढता की क्या क्या पढ़ लिया और क्या क्या रह गया और पढ़ते टाइम कई लोगों को बहुत बोरियत भी महसूस होती हैं मगर कई लोगों के साथ यदा नहीं भी होता हैं
क्योंकि कई लोगों का यह पसंदीदा यानी की फेवरेट विषय भी होता है |
  

लेकिन आपको इतिहास यानी कि हिस्ट्री से बोरियत हो या नहीं कोई फरक नहीं पड़ता है क्योंकि आज की हमारी क्लास में हमें बिलकुल भी बोरियत नहीं होने वाली क्योंकि हम यहाँ ग्रुप स्टडी करने वाले हैं यानि की यहाँ मै और आप दोनों एकसाथ पढने वाले  हैं और ग्रुप स्टडी  में कभी बोरियत हो ही नहीं सकती हैं आप इस क्लास को शेयर करके अपने और भी दोस्तों को जोड़ सकते हैं जिससे की हमें पढने में और भी मज़ा आएगा, आपको कुछ अपना विचार या व्यू रखना हो तो आपके लिए कमेंट सेक्शन बिलकुल खुला हुआ है हम वहां भी एकदूसरे को रिप्लाई करके सबकी हेल्प करते रहेंगे |

  ज्यादा बात ना करके अब हमें पढाई शुरू कर देनी चाहिए तो चलिए शुरू करते हैं आज की पढाई...

तो दोस्त क्योंकि हम इतिहास पढने जा रहे हैं इसलिए हमें पहले जान लेना चाहिए की इतिहास क्या है? यानि की हम जो पढने जा रहे हैं वह चीज़ क्या है या इतिहास विषय है क्या?

इतिहास क्या है? [what is history]


माना जाता है कि पृथ्वी का विकास करीब 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ था,तो 4.6 अरब वर्ष पहले से आज तक यानी कि इस वर्ष तक की पृथ्वी पर घटने वाली घटनाओं, खोजों तथा संग्रहों के बारे में समय के क्रम अनुसार प्रस्तुत करने वाले विषय या विषयक्षेत्र को इतिहास कहते हैं 

तो दोस्त अभी हम इसको थोडा सा अपनी भाषा में समझ लेते हैं फिर आगे एक बार किताबी भाषा में इतिहास की परिभाषा भी पढेंगे...

तो जैसे ऊपर लिखा हुआ है की पृथ्वी का विकास करीब 4.6 वर्ष पहले हुआ है, मतलब करीब 4.6 वर्ष पहले पृथ्वी पर मनुष्यों ने जनम लिया या मनुष्यों का विकास हुआ मीन्स बन्दर जो की हमारे पूर्वज हैं उनसे हम मनुष्य या इंसान बने और करीब 3000 ईसा पूर्व मनुष्यों ने पहली बार किसी पत्थर से बने औज़ार का प्रयोग अपने किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए  किया | फिर मनुष्यों का लागातार विकास होता गया, कई सभ्यताओं का विकास या जन्म हुआ, और फिर हम राजाओं के जमाने में प्रवेस कर गए, इस बीच मनुष्यों ने कई क्रांतिकारी या बहुत ही महत्त्वपूर्ण अविष्कार भी किये, मनुष्यों के प्राचीन समय का सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार या विकास माना जाता है 
आग यानि की अग्नि का अविष्कार जिसने मनुष्यों के प्राचीन काल के जीवन को बहुत आनंदमय यानि कि सुखद बनाया, इससे मनुष्यों के जीवन में काफी बदलाव आया एवं उन्हें और भी अविष्कार करने को प्रेरित किया |

इस तरह की घटनाओं का एक क्रमबद्ध तरीके से अध्यन यानि की लाइन से समय या काल के अनुसार ही अध्यन या उसकी प्रस्तुति पहले उसका टाइम पीरियड यानी की समय काल भी दिया होगा की घटना या आविष्कार किस काल में संपन्न हुई, इसी को इतिहास कहते हैं

तो दोस्त अभी तो हम यह समझने का प्रयास कर रहे थे कि इतिहास क्या होता है? 

अब हम एक बार इतिहास की किताबी परिभासा पढ़ लेते हैं जिससे की हमने जो समझा है उसे हम अछे से एक प्रोफेशनल भाषा में अपने परीक्षा या एग्जाम में लिख पाये या आगे अपने टीचर या जिसे भी हम आगे ये बताने या समझाने वाले हैं उसे अछे से डिलीवर कर पायें |

इतिहास की परिभाषा क्या होती हैं ? [Definition of History in hindi]


इतिहास की परिभाषा [Definition of History in hindi] 

"इतिहास खोजों, संग्रहों एवं संगठनों सहित अतीत में घटित घटनाओं के बारे में जानकारी की काल अनुसार विस्तृत प्रस्तुति है"

"इतिहास एक व्यवस्थित घटनाक्रम के लिखित खाते, विशेष रूप से जो राष्ट या पूरी दुनिया को प्रभावित करते हैं, संस्था, विज्ञान और आमतौर पर उनके कारणों में दार्शनिक व्याख्या के साथ जुदा हुआ है" |

यह दोनों परिभाषाएं हमें एक बार पढ़ लेनी चाहिए, और हमने जो पहले पढ़ा है उसके द्वारा इनको समझना चाहिए तो चलिए अभी आगे बड़ते हैं |

तो यार विश्व इतिहास और अपने देश के इतिहास यानि की भारतीय इतिहास दोनो को एकसाथ पढने का प्रयास करेंगे तो समझना बहुत मुस्किल हो जाएगा, इसलिए आज हम सिर्फ भारतीय इतिहास के प्राचीन के बारे में अध्यन करेंगे |लेकिन आगे आने वाली क्लासेज में हम विश्व इतिहास के प्राचीन काल सहित आधुनिक इतिहास सहित और भी अन्या टॉपिक्स 
क्लियर करेंगे तो उसके लिए दोस्त आपको सिर्फ इतना करना है की आपको ये जो राईट साइड में रेड कलर की बेल दिख रही है उसको प्रेस करके नोटीफ़िकेशन को ऑन कर देना है जिससे की मै आपको अगली क्लास के लिए बुला पाऊं |

तो अभी हम पढने वाले हैं इतिहास का वर्गीकरण

भारतीय इतिहास का वर्गीकरण [Classification of Indian History in hindi]  

भारतीय इतिहास को चार भागों में वर्गीक्रत या विभाजित किया गया है 

1 प्राचीन भारत 
2 प्रारंभिक भारत 
3 मध्याकालीन भारत 
4 आधुनिक भारत 


वैसे तो भारतीय इतिहास को 4 भागों में बांटा गया है मगर आज हम सबसे प्राचीन भारत यानी की प्रायोगिक भारत के एक छोटे से हिस्से पाषाण काल या पाषाण युग के बारे में पढेंगे, इसको युग को भारत का सबसे प्राचीन युग कहा जाता है |

पाषाण युग क्या है? [What is stone age in hindi?]


जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा ही है कि पृथ्वी का विकास करीब 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ था पृथ्वी की आकृति यानी की भौतिक सँरचना में कई बार प्राकृतिक रूप से ही परिवर्तन हुए वजह कई प्राक्रतिक घटनाओं को माना जाता है, यानि की अपने आप ही समय के साथ पृथ्वी अपने आप को बदलती रही और कई परिवर्तनों के बाद ही यह जीवन के लिए अनुकूल यानी की जीवों के जीवन के लिए सहायक बनी है |



लगभग 3000 ईसा पूर्व मनुष्य ने पहली बार पत्थर से बने औज़ार का प्रयोग अपने किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए  किया, जैसा की आप जानते ही होंगे की मनुष्यों ने सबसे पहले पत्थर के बने औजारों का प्रयोग जानवरों शिकार करने के लिए किया था जिसमे उनका उद्देश्य अपनी भूख मिटाना था |

इस समय को इसलिए भी पाषाण युग कहते हैं या इस समय को पाषाण युग इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस समय शिकार के लिए पुराने पथ्थरों का प्रयोग किया जाता था |

पाषाण युग की विशेताएँ क्या थी [What were the characteristics of the Stone Age?] या पाषाण युग के मनुष्यों का जीवन यापन कैसा था? [how did the people of the Stone Age live?] in hindi

विशेषताएं (Features)

{1} पाषाण युग में इंसान या मनुष्य जंगली जानवरों का शिकार करके उनका कच्चा माश(raw flash) खाकर करके के खुदको जीवित(Living) रखते थे, प्राप्त होने पर यह जंगली फल या कच्चीं सब्जियां(Raw vegetables) खाकर भी अपनी भूख मिटाते थे |

{2} क्योंकि ये हमारे ही पूर्वज(Ancestor) थे, इसलिए दिमाग तो इनमें भी था, तो जब भी ये आवश्यकता से अधिक भोजन प्राप्त कर लेते थे तो ये उसको संभालकर बाद में खाने के लिए रख देते थे |

{3} क्योंकि इस वक्त केवल पत्थरों के औजारों(Stone tools) का प्रयोग करना शुरू ही हुआ था इसलिए इनके जो औज़ार होते थे उनपर कोई पौलिस नहीं हुआ करती थी 

{4} पहले तो ये जंगलों में ही रहते थे, मगर कुछ समय बाद जब ये पहाड़ी इलाकों(Mountainous areas)  में पंहुचे तो इन्होने फिर गुफाओं एवं चट्टानों(Caves and rocks) में रहना शुरू कर दिया था |

{5} कुछ समय बाद इन्होने कुल्हाड़ी, ब्लेड , छुरा(Stabbed) तथा तक्षणी(Eye) आदि का अविष्कार(invention) कर लिया था जिससे की फिर इन्हें शिकार(Prey) में काफी आसानी होने लगी और इनका जीवन पहले की अपेक्षा(Than before) कुछ आसान हो गया |

{6} इनके औज़ार(Tool) क्कवार्ट ज़ईट(quartzite) नामक चट्टान के पत्थर(Rock boulders) के बने होते थे जो की बहुत ही मजबूत किसम(Variety) की चट्टान है, इसलिए पाषाण काल(stone age) के पुरुषों को भी क्कवार्ट ज़ईट पुरुष के नाम से जाना जाता है |

{7} पाषाण काल के स्थल यानि की वह स्थान जहा पाषाण काल वासी सबसे ज्यादा संख्या में रहते थे उनमे आता है सोहन नदी घाती के तट पर और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले(district) के बेलन घाटी में, पाषाण काल वासी सिन्धु एवं गंगा नदी के तटों(River banks) को छोड़कर लगभग हर जगह फैले हुए हैं |
 
 
{8} पाषाण वासियों(Boulders) को इस समय में मिटटी के वर्तनों(Soil utensils), कृषि(agriculture) एवं आग(The fire) यानि की अग्नि का ज्ञान(Knowledge) नहीं हो पाया था |

{9} इतिहासकारों(Historians) का मानना है की पाषाण काल में जो मनुष्य(humans) पाए जाते थे वे नीग्रो(Negro) जाती के होते थे |

{10} पाषाण काल के मनुष्य(Stone Age Humans) केवल अपनी भूख मिटाने के लिए दिनभर जंगलों में भटकते रहते थे और भूख मिट जाने पर सो जाते थे और जागने के बाद फिर से खाने की खोज में लग जाते थे |


मध्य पाषाण काल [Middle Stone Age] 


{1} लोग मछली पकड़ने के आलावा जानवरों को पालना भी शुरू कर दिया था, जिनका प्रयोग वे शिकार करने में करते थे |

{2} 8000ईशापूर्व से 6000 ईशापूर्व  तक के काल या समय को मध्य पाषाण काल कहते हैं |

{3} इस काल तक उन्होंने पहले से अधिक नुकीली धार वाली ब्लेड का आविष्कार कर लिया था, मगर इस समय तक भी इनके सारे औज़ार पत्थर के ही होते थे |

नव पाषाण काल [New Stone Age]


{1} नव पाषाण काल के पुरुष भूमि पर कार्य यानि की खेती करने लगे थे, और फल के अलावा मकई और घोड़े के लिए अनाज उगाने लगे थे |

{2} नव पाषाण काल के लोग या मनुष्य या इन्शान पशु, भेद और बकरियों का पालन करने लगे थे |

{3} नव पाषाण काल का जो सबसे बाद का चरण था यानी की मध्य युगीन भारत शरू होने से जस्ट पहले के लोग एक व्यवस्थित जीवन जीने लगे थे |

{4} नव पाषाण काल के लोग ईख के बने घरों में रहने कगे थे जिनका आकर आयताकार होता था [

{5} उन्हें पहले हाँथ से और फिर कुम्हार के पहिये से बर्तन बनाने और आग बनाने के बारे में पता चला, इसी काल में उन्होंने अपने बर्तनों को पेंट करना भी शुरू कर दिया था |

{6} इस समय तक उन्होंने नाव बनाना, कपडे बनाना एवं अपने घर को सजाना भी सीख लिया था मगर वो इस समय भी गुफाओं में ही रहते थे |

{7} मध्या पाषाण काल के मनुष्यो के रहने के स्थान जम्मू कश्मीर में बुर्ज होम और गुफ्कराल (कब्रिस्तान पाए गए ) आन्ध्र प्रदेश में पिक्लीहाल और हल्लूर( हड्डी के उपकरणों के लिए ) और बिहार में चिरांद आदि...


ताम्र पाषाण अवधि [Copper stone period] 


{1} ताम्र पाषाण काल के लोग कई प्रकार के मिटटी के बर्तन का प्रयोग करते थे, जिसमें काली और लाल मिटटी के बर्तन(The vessel) सबसे लोकप्रिय थे |

{2} इस युग के लोग भी जली हुई ईटों से परिचित नहीं थे, वे साधारणतः घास फूस के मकानों में रहते थे

{3}नव पाषाण काल में धातुओं का प्रयोग देखा गया जिसमे पहले तांबा का प्रयोग किया गया था | 

{4} इनकी संस्कृति पत्थर और तांबे के उपयोग पर आधारित थी इस तरह की संकृति को ताम्र पाषाण कहा जाता हैं  जिसका मतलब होता है पत्थर - तांबा चरण |

{5} इस काल के लोग देवी माँ और बैल की पूजा करते थे   

{6} ताम्र पाषाण काल के महत्वपूर्ण स्थल राजस्थान में गिलूंड, आहाड़ तथा महाराष्ट्र  में जोर्वे में फैले हुए हैं |


तो दोस्त यहाँ हमारा पाषाण काल या जिसे पाषाण युग भी कहते हैं, वह समाप्त यानि ख़तम हुआ |और अब हम आगे आने वाले पोस्टों में सिन्धु घाटी सभ्यता और भी कई सभ्यताओं सहित मध्यकालीन भारत के इतिहास में प्रवेश करेंगे |

हमने जितना भी अभी पढ़ा आप उसे एक बार फिरसे पढ़ सकते हैं जिससे कि बिलकुल अछे आप भी समझ पाओ तो दोस्त यार अभी हम क्लास को ख़तम करते हैं ताकि हम अगली क्लास के लिए बेहतर से बेहतर मटेरियल इकठ्ठा कर पाऊं, हम जो भी ये पढ़ते हैं ये सब क्लास 8th से डिग्री सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों से सबसे अच्छा कंटेंट निकालकर  सबसे सरल भाषा में पढने का प्रयास करते हैं, तो आप अगली क्लास के लिए नोतिफ़िकतिओन(notification allow) को allow कर सकते हैं जिससे की मै आपको अपनी अगली ग्रुप स्टडी के लिए बुला पाऊं |

जितना ज्यादा हो सके आप अपने दोस्तों के साथ क्लास को शेयर जरुर करें धन्यबाद |

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