तो दोस्त आज की क्लास में हम ब्रम्हांड(Universe) को एक्स्प्लोर(explore) करने वाले हैं :) 

हेल्लो फ्रेंड कैसे हो आप? (कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं), मै आपका दोस्त आज हम Strodisk Study Hindi पर जियोग्राफी(Geography) यानी की भूगोल के कुछ काफी इम्पोर्टेन्ट टॉपिक्स पढने बाले हैं |



तो दोस्त आज की क्लास में आप और मै यानि की हम पढने वाले हैं कि ब्रम्हांड क्या है? (what is universe in hindi?) , बिग बेंग थ्योरी क्या है? (what is big bang theory in hindi?) , भूगोल क्या है? (What is geography in hindi?) भूगोल की परिभाषा (Definition of Geography in hindi)) , बिग बेंग थ्योरी के बारे में बताइये(about big bang theory in hindi), आकाशगंगा क्या होतीं हैं? (What are the galaxies in hindi?), निहारिकायें क्या होती हैं? (What are Practices in hindi?) , तारे क्या होते हैं? (What are the stars in hindi?) , तारों के बारे में बताइये? (about stars in hindiतारामंडल क्या होता है? (What is a constellation in hindi?).. आदि 
इन सभी टॉपिक्स को आज की क्लास में कवर करेंगे अपने हिसाब से फिर मतलब थोडा थोडा सबके बारे में जानेंगे और आगे आने वाली क्लासेज में हम एक एक टॉपिक को लेकर भी विस्तृत(with explanation) बात करेंगे तो बस उसके लिए आप ये राईट में रेड वाला बैल दवाकर nitification ऑन करलो जिससे की मै आपको आगे आने वाली क्लासेज के लिए बुला पाऊं |
तो अब ज्यादा बात न करते हुए हमें क्लास को स्टार्ट कर लेना चाहिए |
तो चलिए शुरू करते हैं आज की पढाई...

तो दोस्त आज का पहला टॉपिक है हमारा भूगोल यानी की जियोग्राफी(Geography) क्योंकि यार हम ब्रम्हांड(Universe) के बारे में पढने आयें है तो हमें पहले भूगोल(Geography) को भी तो जान लेना चाहिए न की ये विषय(subject) है क्या?

भूगोल क्या है? ( What is geography in hindi?)


हम जैसे ही पृथ्वी(earth) के बारे में सोचते(imagination) हैं तो हमारे दिमाग में पृथ्वी के आकार का  एक चित्र बनके तैयार हो जाता है या कई बार हम अपने मन में ही पूरी दुनिया को देख लेते हैं मगर एक बात है जिस पर कभी आपने ध्यान नहीं दिया होगा की जब भी आप दुनिया को देखते हो जिस पर लोग यानी की हम रहते  हैं तो आपकी कल्पना(imagination) में एक बात हमेसा कॉमन रही होगी की आपने कभी  भी दुनिया का अंतिम छोर यानि कि अंतिम स्थान(the last place of the earth) यानि कि उस स्थान की परिकल्पना नहीं की होगी जिसके आगे दुनिया हैं ही नहीं वहां अन्तरिक्ष है |



हमारी पृथ्वी जैसे अरवों ग्रहों(millions planets) और पूरे ब्रम्हांड का अध्यन(study) साथ ही में हमारी पृथ्वी के भौतिक(physical), प्राकृतिक(natural) एवं आंतरिक सँरचना(Internal structure) के अध्यन को हम भूगोल कहते हैं |

भूगोल के अंतर्गत(Under) ही हम हमारी पृथ्वी पर बसी दुनिया(Settled world) में उपस्थित पहाड़ , नदियाँ एवं मनुष्यों ने अपने अपने स्थान को बाँट कर जो देशों का निर्माण(creat) किये है ना उनकी सीमाओं(boundries) का अध्यन भी हम भूगोल में ही करते हैं |

भूगोल की परिभाषा (Definition of geography in hindi

हम जिस शब्द "भूगोल" का प्रयोग बार बार कर रहे हैं इसका प्रयोग सबसे पहले भूगोल के पिता(father) कहे जाने वाले इरेटोस्ठेनिस(Eratosthenes) ने किया था |
इस शब्द या भूगोल शब्द का अर्थ है "पृथ्वी के विषय के बारे में लिखना" (Writing about the subject of the earth), जब हम भूगोल पढ़ते हैं तो कई बार चीज़ें भौतिक विज्ञान विषय(physics subject) के जैसी भी लगने लगतीं हैं हमें कई बार ऐसा लगने लगता है की हम फिजिक्स पढने लगे है इसलिए भूगोल को भौतिकी और मानव विज्ञान(human science) के बीच का पुल (bridge)भी कहा जाता है |

तो यार दोस्त जैसा की अभी हमने भूगोल के बारे में पढ़ा, हमने समझा की भूगोल क्या होती है? (what is geography?), भूगोल की परिभाषा क्या होती है? (what is the definition of geography in hindi?) , हमने भूगोल के पिता यानी की भूगोल के खोजकर्ता (father of geography) का नाम भी जाना |

तो चलिए अब हम ब्रम्हांड को एक्स्प्लोर करने को तैयार हैं :)

तो चलिए अब हम ब्रम्हांड के बारे में कुछ सीखने का प्रयास करते हैं|

ब्रम्हांड क्या है ? (what is universe in hindi?)


अगर ब्रम्हांड के आकार(Size) की बात करें तो जहां तक आपकी सोच है वहां या उससे भी कहीं आगे तक ब्रम्हांड है, जितने बड़े आकार का ब्रम्हांड आप सोचते हैं उससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है ब्रम्हांड का आकार |

अपनी पृथ्वी सहित इस पूरे विश्व एवं अन्तरिक्ष में उपस्थित पदार्थों और उनसे उत्सर्जित होने वाली ऊर्जा को जब मिला दिया जाता हैं तब ब्रम्हांड बनता है यानि की जो भी चीज़ आप देख सकते हो या सोच सकते हो वो सब ब्रम्हांड में ही एक्सिस्ट करती है |
ब्रम्हांड के आकार के सहित ये  पता लगाना भी अभी तक नामुमकिन रहा है की ब्रम्हांड में कितने पदार्थ हैं और कितने और कितनी ऊर्जा उत्सर्जित (production of energy)  होती है |



इस विशाल ब्रम्हांड का ही एक छोटा सा हिस्सा है हमारा सौर परिवार यानि कि सभी ग्रहों  का समूह (group of planets) |
ब्रम्हांड में हमारे जैसे खरबों(billions) सौर परिवार(solar family) होने की संभावना है | इसी सौर परिवार का एक छोटा सा गृह है हमारी पृथ्वी जिस पर हम रहते हैं | वैज्ञानिकों को संभावना है की और भी ऐसे गृह हो सकते हैं जिनपर जीव(humans) निवास करते हों, मगर अभी तक हमारे वैज्ञानिक(scientists) या हम एक भी ऐसा गृह का पता नहीं लगा पाए हैं, मगर भविष्य में संभावनाएं बहुत हैं | वैज्ञानिकों का कहना है की अभी तक हम पूरे या अभी तक विस्तृत पूरे ब्रम्हांड का 1% हिस्से को भी एक्स्प्लोर या पता नहीं लगा पाए हैं |

ब्रम्हांड की परिभाषा (Definition of geography in hindi)


उपस्थित पदार्थ एवं ऊर्जा को एकसाथ मिला देने पर उसे ब्रम्हांड के रूप में जाना जाता है|

When the present substance and energy are mixed together, it is known as the universe.

ब्रम्हांड को दो भागों में बांटा जाता है (The universe is divided into two parts) --
[1] वायुमंडल (Atmosphere)
[2] अन्तरिक्ष (Space)


ब्रम्हांड के अध्यन(study) को कोष्मोलोजी (Cosmology) कहते हैं 
ब्रम्हांड में सभी ब्रम्हांडीय वस्तुएं(Cosmic goods) और सम्पूर्ण सौर परिवार(Entire solar family) जिसमे सूर्य(sun), चंद्रमा(moon), गृह(planets), क्षुद्र गृह तथा धूमकेतु(Comet) आदि सामिल हैं |
ब्रम्हांड का निर्माण केसे हुआ और यह लगातार क्यों फ़ैल रहा है, इसका जबाब हमें बिग बेंग थ्योरी(big bang theory) द्वारा मिलता है जिसको बेल्जियम के ज्योतिषी और कोस्मोलोजिस्ट जॉर्ज लिमेत्र (Georges Lemaître ) ने प्रतिपादित(given by) किया था |

तो दोस्त ब्रम्हांड के बारे में और जानने के लिए हमें अब बिग बेंग थ्योरी के बारे में अछे से पढना होगा जिससे की हम ब्रम्हांड को अछे से समझ पायें |

 बिग बेंग थ्योरी (Big bang theory in hindi)


 बेल्जियम के ज्योतिषी(Astrologer) और कोस्मोलोजिस्ट जॉर्ज लिमेत्र(Georges Lemaître) ने ब्रम्हांड के बारे में अध्यन किया एवं उसके निर्माण या उत्पत्ति(Creation or origin) के बारे में बड़े ही विस्तृत यानी की विवरण(explanation) सहित दुनिया के सामने रखा और उसमे ही बताया की ब्रम्हांड का निर्माण केसे हुआ(How was the universe built और क्यों ये लगातार गैलता जा रहा है? 

बिग बेंग थ्योरी के अनुसार....(according to bigbang theory)

ब्रम्हांड में उपस्थित नगण्य(uncountable) पदार्थ(matter) पहले एक घने ठोस ढेले(A dense solid lump) या एक सबसे बड़े एवं प्राचीन परमाणु(Ancient atom) के रूप में थे | अब से करीब 15 बिलियन वर्ष पहले उस घने ठोस ढेले में एक विशाल विस्फोट(explosion) हुआ, उस विस्फोट को ही वैज्ञानिक लिमेत्र ने बिग बेंग नाम दिया था, यानि कि बिग बेंग उस सबसे बड़े एवं प्राचीन परमाणु में हुए विस्फोट का नाम है |


बिग बेंग विस्फोट के कारण ही वह परमाणु य ठोस ढेला कई टुकड़ों में टूट गया और अरबों तारों (Billions of stars) की आकाशगंगाओं(Galaxies) एवं विभिन्न आकाशीय पिंड(Celestial body) जैसे की गृह,उपग्रह एवं धूमकेतु आदि का निर्माण हुआ |

विस्फोट(explosion) इतना जोरदार(Strong) था की 15 बिलियन वर्ष पहले से अब तक भी उस परमाणु के टुकड़े यानि की विभिन्न आकाशीय पिंड और आकाशगंगाएं सब एक दुसरे से दूर ही भाग या उड़ रहे हैं और इसी वजह से ब्रम्हांड का लगातार विस्तार होता ही जा रहा है जब तक ये पिंड इस तरह से उड़ते रहेंगे और आगे तक भागते जायेंगे तब तक ब्रम्हांड का विस्तार
 होता ही जाएगा  |

 तो दोस्त अभी हमने बिग बेंग थ्योरी को पढ़ा और अछे से समझनेका पूरा प्रयास किया, इस दौरान या बिग बेंग थ्योरी में एक शब्द था आकाशगंगा हमने इसका जिक्र कई बार किया तो अब जान लेते हैं की ये आकाशगंगाएं क्या होतीं हैं? (What are galaxies in hindi) |

आकाशगंगा (galaxy in hindi


सबसे बड़े एवं प्राचीन या सबसे पुराने ठोस ढेले के टूटने के बाद  करीब 100 बिलियन आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ था |
आकाशगंगा एक समूह होता है जिसमें करोड़ों तारे, धुल तथा ब्रम्हांड में पायीं जाने वालीं विभिन गैसें होतीं हैं | ये सभी खुदके द्वारा ही उत्पन्न होने वाले गुरुत्वाकर्षण बल(Gravitational force) से बंधे होते हैं | आकाश गंगा में बड़ी संख्या में हलकी गैसों के बादल भी पाए जाते हैं जो की अधिकतर हाइड्रोजन गैस के बने होते हैं |
अगर अभी तक के विस्तृत ब्रम्हांड की बात करें तो ब्रम्हांड में करीब 100 बिलियन आकाशगंगाएं हैं और हर एक आकाशगंगा में करीब 100बिलियन ही तारे है, और हमारा सूर्या भी एक तारा ही है  हमारी आकशगंगा दुग्ध मेखला(milkyway)का, अब आप सोचिये एक आकाशगंगा में 100 बिलियन तारों में से एक है हमारा सूर्य जो की हमें भरपूर तरीके से रौशनी(light) के साथ साथ ऊर्जा(energy) भी प्रदान(Provide) करता है |



हम जिस आकाशगंगा में रहते है उसका नाम दुग्ध मेखला(milkyway) है,  दुग्ध मेखला आकाशगंगा ही हमारे सौर परिवार(solar family) का घर है, वैज्ञानिकों ने इसका आकार सर्पिलाकार(Spiral) बताया है |

हमारे पास की यानी की हमारी पड़ोसी आकाशगंगा का नाम डार्फ(Darf) आकाशगंगा है | जिसको अभी हाल ही में खोजा गया है हम दुग्ध मेखला आकाशगंगा के बाहरी छोर(outer edge) पर रहते हैं, जिसका व्यास(Diameter) करीब 100000 प्रकाशवर्ष(Light year) है|


तो दोस्त अभी हम आगे बड़ते हुए हम पहुँचते है निहारिकायें(nebula) के टॉपिक पर और अब पढ़ते हैं की ये निहार्काएं होतीं क्या हैं ?

निहारिकायें (about Nebula in hindi


निहार्काएं बादल की तरह होतीं हैं, या कह सकते हैं की बादल ही होतीं हैं, वो बादल जो गैस और धुल के बने होते हैं निहारकाओं के नाम से जाने जाते है, ये आसमान में बिखरे हुए प्रकाश के कारण धुंधले धब्बे(Blur spots) के जैसे दिखाई देते हैं मगर रात के अँधेरे में ये अत्यधिक चमकदार होते हैं |


निहारकाओं कि निखार(brightness) का कारण इनसे ही उत्पन्न हुए तारे होते हैं |

तारे (Stars)


किसी एक निहारका में उपस्थित धुल और गैस के गुब्बार स्वयं के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण ही पास आकर तारों का निर्माण करते हैं |
तारे गर्म जलती हुई गसों के बने होते हैं, तारों में इतनी ऊर्जा होती है की वे खुद से ही प्रकाश उत्पन्न कर लेते हैं |
इनका आकर बहुत विशाल (huge) होता है और ये बहुत अधिक गर्म होते हैं, इनका तापमान बिलियन डिग्री सैल्सियस में होता है, अपने सौर मंडल का सूर्य भी एक तारा ही है |
दो तारे एकदूसरे से एक विशाल निश्चित दूरी(Certain distance) पर स्थिर(Fixed) दिखाई देते हैं, मगर असल में यानि की रियलिटी में एसा नहीं होता है हमारी पृथ्वी की तरह तारे भी काफी स्पीड से या तेज़ी से गति कर रहे हैं मगर इनके बीच की दूरी(Distance) इतनी अधिक होती है तो इनके बीच की स्थिति में परिवर्तन कई सौ सालों बाद ही समझ आता है |


पृथ्वी का सबसे पास वाला तारा तो जैसा आप जानते ही हो की सूर्य है उसी से हमें रौशनी और ऊर्जा प्राप्त होती है, मगर पृथ्वी का दूसरा सबसे करीबी तारा एल्फा सेंचुरी है जिसे प्रोक्सिमा सेंचुरी (proxima century) भी कहा जाता है |

तो दोस्त अभी हमने उपर कई जगह एक शब्द प्रकासवर्ष को पढ़ा तो चलिए जान लेते हैं की ये प्रकासवर्ष(light year) होता क्या है?

प्रकाशवर्ष (What is light year in hindi


प्रकाशवर्ष एक दूरी मापने की इकाई(unit) है, इससे अन्तरिक्ष(space) में ग्रहों - उपग्रहों एवं आकाशीय पिंडों(Celestial bodies) के बीच की दूरी को मापा(Measuring) जाता है  |



एक प्रकाशवर्ष करीब 9.461*(10)^8 किलोमीटर होता है |

सूर्या के अलावा पृथ्वी के पास कोई भी एसा तारा नहीं है जिससे की प्रथ्वी को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त हो सके 

तारामंडल (about Planetarium in hindi


वैज्ञानिकों ने आकाश या अन्तरिक्ष में उपस्थित किस भी तारे की स्थिति को ट्रैक करने के लिए कि उनकी स्थिति किस दर से बदल रही है इसलिए वैज्ञानिकों ने अन्तरिक्ष को कई भागों में विभाजित कर रखा है इन्ही में से उस भाग को जिसमें तारों के कई समूह दिखते हैं उसे तारामंडल कहते हैं |



तो दोस्त इसके आगे हमें अब सौर मंडल और उसके सभी ग्रहों एवं उपग्रहों के बारे में पढना हैं मगर इसको अभी जारी रखा तो क्लास काफी लम्बी हो जायेगी तो आज की क्लास को हम यहीं ख़तम करते है और आगे हम एक एक करके सभी ग्रहों पर अध्यन करने वाले जिससे की हम हर एक छोटी से छोटी चीज़ को अच्छे से समझ पायें,
तो यारआज जो भी हमने पढ़ा उम्मीद करते हैं मेरी तरह आपको भी समझ आया होगा, आप जाने से पहले आगे की क्लासेज के लिए ये रेड बेल को जरुर प्रेस करें ताकि मै  आपको आगे की क्लासेज के लिए बुला पाऊं और आपको कोई भी डाउट हो तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं हम वह आपको रिप्लाई जरुर करेंगे और आप भी 
किसी और के कमेंट पर रिप्लाई करके उसकी हेल्प कर सकते है और हाँ ये जो मै रोज़ आपके लिए सबसे बेस्ट मटेरियल लता हूँ तो उसके लिए आप मुझे थैंक यू कहो इस पोस्ट को अपने सारे फ्रेंड्स को शेयर करके :)  ..बाय बाय... 

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