तो दोस्त आज की क्लास में हम भूकंप के वो सारे तथ्य जानने का प्रयास करेंगे जिनके बारे में हमें जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है , हम एक एक करके भूकंप के बारे में अपने दिमाग में आने वाले लगभग सभी प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने का प्रयास करेंगे 



हम सबसे पहले भूकंप की परिभाषा को अपनी साधारण भाषा में समझने का प्रयास करेंगे जिससे की हमें मालूम हो जाएगा की भूकंप क्या होता है हम फिर इसकी अन्य परिभाषाओं और अन्य तथ्यों को और अछे से समझ पायेंगे आज की क्लास में ही हम इनके प्रकारों के बारे में भी पढेंगे |
तो चलिए शरू करते हैं आज की क्लास...




भूकंप की परिभाषा क्या होती है? [What is the definition of earthquake in hindi?] 


प्रथ्वी की सतह के नीचे उपस्थित प्लेटों में हलचल या गति के कारण पृथ्वी की क्रस्ट(प्रथ्वी की सबसे उपरी परत जिसपर हम पैर रखते  हैं या रहते हैं) में अचानक आघात(कम्पन्न) के रूप में भूकंप को परिभाषित किया जा सकता है, जो अचानक ऊर्जा निकलने का परिणाम होता है और भूकंपीय तरंगों का निर्माण होता है।



 जब पृथ्वी की सतह का एक हिस्सा पीछे और ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, तो पृथ्वी की सतह पर झटके महसूस होते हैं और इसलिए इसे भूकंप कहा जाता है। भूकंप का अर्थ केवल यह कहा जा सकता है कि जब पृथ्वी में 'कंपन’ होता है। पृथ्वी की क्रस्ट विभिन्न भागों से बनी होती है जिन्हें प्लेट के रूप में जाना जाता है। इस आर्टिकल में, हम आपको भूकंप के बारे में सभी जानकारी देंगे, जिसमें भूकंप के कारण, तथ्य और भूकंप क्षेत्र शामिल हैं।


भूकंप कितने प्रकार के होते हैं? [What are the types of earthquakes in hindi?]

भूकंप के विभिन्न प्रकार हैं जिन्हें देखा गया है:

विवर्तनिक भूकंप (Tectonic earthquake): 

   यह भूकंप का सबसे सामान्य रूप है। यह आम तौर पर पृथ्वी की क्रस्ट में मौजूद प्लेटों की गति  के कारण होता है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट कहा जाता है।

ज्वालामुखीय भूकंप (Volcanic earthquake):

  टेक्टोनिक भूकंप की तुलना में इस प्रकार का भूकंप कम सामान्य है। इस प्रकार के भूकंप ज्वालामुखी के विस्फोट से पहले या बाद में आते हैं। यह आम तौर पर मैग्मा के ज्वालामुखी से निकलने के कारण आता है, जो चट्टानों द्वारा सतह पर धकेला जाता है।



संक्षिप्त भूकंप (Brief earthquake): 

इस प्रकार का भूकंप भूमिगत खानों में आता है। मुख्य कारण चट्टानों के भीतर उत्पन्न दबाव हो सकता है।

विस्फोटक भूकंप (Explosive earthquake):

इस प्रकार का भूकंप कृत्रिम प्रकृति का होता है, जिसका अर्थ है कि यह मानव निर्मित गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है। परमाणु विस्फोट जैसे जमीन पर उच्च-घनत्व विस्फोट, विस्फोटक भूकंप का प्राथमिक कारण हैं।
 

भूकंप का कारण [Cause of earthquake in hindi]


पृथ्वी की क्रस्ट में पृथ्वी के चारों ओर कई बड़े और छोटे टेक्टोनिक प्लेट होते हैं। मुख्य भूकंप, विवर्तनिक प्लेटों के टकराने वाले बेल्ट में आते हैं और इन प्लेटों की सीमाएं एक अधिकेन्द्र के रूप में कार्य करती हैं। 

ये प्लेटें 3 प्रकार की सीमाएँ बनाती हैं

वे एक-दूसरे की ओर गति करती हैं (अभिसारी सीमा), एक-दूसरे से दूर गति करती हैं (अपसारी सीमा) या एक-दूसरे के साथ गति करती हैं (रूपांतरित सीमा)। सीमाओं के साथ-साथ इन विवर्तनिक प्लेटों की निरंतर गति, सीमाओं के दोनों किनारों पर दबाव बनाती है जब तक कि यह अत्यधिक न हो जाए और अचानक से झटके के साथ बाहर ने निकले।



इस प्रकार, मुक्त ऊर्जा के कारण भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं, ये पृथ्वी की सतह के माध्यम से गमन करती हैं, जिससे झटके उत्पन्न होते हैं, जिन्हें भूकंप के रूप में जाना जाता है।

अब हम उन शब्दों को पढने वाले हैं जिसका प्रयोग अधिकतर भूकंप के टॉपिक में होता है इनके बारे में परीक्षाओं में भी पूंछा जाता है इन शब्दों को समझना अधिक आवश्यक है , तो चलिए जान लेते हैं इन शब्दों के बारे में...

भूकंपीय विज्ञान {Seismology}: यह भूकंप के अध्ययन से संबंधित भूविज्ञान(Geology) की शाखा है।

भूकंपीय तरंगें{Seismic waves}: ये भूकंप की वजह से होने वाली ऊर्जा की तरंगें(Energy waves) हैं जो पृथ्वी की सतह से होकर गमन(Motion) करती हैं।

अधिकेंद्र{Epicentere}: यह जमीन की सतह पर स्थित वह बिंदु है, जो फोकस के सबसे करीब होता है।

फोकस या हाइपोसेंटर{Hypocenter}: जिस जगह पर भूकंपीय तरंगों की उत्पत्ति होती है, वह बिंदु पृथ्वी की सतह के नीचे होता है जिसे भूकंप का फोकस कहा जाता है।

सिस्मोग्राफ{Seismograph}: जिस उपकरण पर भूकंपीय तरंगें दर्ज की जाती हैं, उसे सिस्मोग्राफ कहा जाता है।

रिक्टर पैमाना{Richter scale}: भूकंप की तीव्रता मापने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र(device)।

मार्कली पैमाना{Mercury scale}: इस यंत्र का उपयोग भूकंप की तीव्रता(Earthquake intensity) को रिकॉर्ड(Record) करने के लिए किया जाता है।

भूकंपीय तरंगों के प्रकार (Types of seismic waves): 

3 प्रकार की भूकंपीय तरंगें होती हैं...

{1} प्राथमिक तरंगें {Primary waves}
{2} द्वितीयक तरंगें {Secondary waves}
{3} सतही या दीर्घ तरंगें {Surface or long waves} 


भारत के भूकंपीय क्षेत्र [Seismic Zone of India in hindi]


भूकंपीयता, पिछले दिनों आए भूकंप और क्षेत्र के विवर्तनिक सेटअप के आधार पर, भारतीय उपमहाद्वीप को चार भूकंपीय क्षेत्रों अर्थात् II, III, IV और V जोन्स में विभाजित किया गया है। भौगोलिक आंकड़ों के अनुसार, भारत की लगभग 54% भूमि भूकंप से ग्रस्त है। जोन 5 में भूकंप आने के सबसे अधिक खतरे वाले क्षेत्र शामिल हैं
 जबकि जोन 2 में काफी कम जोखिम वाले क्षेत्र हैं। जोखिम कारक के आधार पर भारत के भूकंपीय क्षेत्रों के लिए नीचे दिए गए भारत के नक्शे को देखें।



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हमने जो ऊपर प्रश्न लिखे हैं उन सभी प्रश्नों के उत्तर को हमने जाने लिया है अगर अभी भी आपके दिमाग में कोई प्रश्न आता है तो आप कमेंट सेक्शन में जरुर लिखें हम आपको आपके प्रश्न का जबाब जरुर देंगे |



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